खेड लै बस कल तक
मान्नी पप पप (आइसक्रीम का कप) बॊलती भागती
कुर्सी के नीचे छिप कर करती झां (हाइड एंड सिक)
नन्ही सी मुसकान और छॊटी छॊटी बाहॊं से बुलाती
शरारती कदमॊं से छनकाती पाजेब
भइयां देखॊ कितनी तेज बिटिया हमारी
पेन से खेले और कापियां करे रंगीन
निकलेगी बाहर, जितेगी दुनिया सारी।
चार दिनां दा हे बचपना
खेड लए बस कल तक
पढ लिखकर की करनगियां
कुडियां साड्डी नहीं जांदी स्कूल
तू वी ना सिर चढा
ना तू एनानूं पढा।
पप (आइसकीम) की जिद में निकले आंसू
रॊ मत मान्नी, सीख ले खवाहिशॊं कॊ दबाना
धियां नूं बॊझ ही मनया हे असीं आज तक
खेड लै तू बस कल तक।
खेड लै तू बस कल तक।।
कुंआरी उम्र की देहरी पर
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कुंआरी उम्र की देहरी पर
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बत्तीस साल की एक लड़की
जब आईने में अपना चेहरा देखती है
तो उसे अपनी ही मुस्कान में
अपने हिस्से ...
6 days ago
