रवि, यहां आओ।
जी एक मिनट सर। 'यार अखबार तो ठीक है ना आज का। पेपर पर सरसरी नजर डालते हुए मैं बॉस के पास पहुंच गया'।
जी सर, 'मैंने उनके पास जाकर बॉस से बुलाने का कारण पूछा'।
'क्या तुम अब संस्थान के साथ काम नहीं करना चाहते। अचानक क्या हुआ', बॉस ने मुझे देखते हुए पूछा।
बॉस के ये अल्फाज मुझे किसी विस्फोट से कम नहीं लगे। मैंने तो अभी संस्थान छोडऩे बारे सोचा भी नहीं। एकदम से बॉस ये क्या पूछ रहे हैं।
सर, 'मैं क्यों छोड़ूंगा नौकरी'।
'तुम्हारा ईमेल मिला है मुझे। इसमें लिखा है कि मैं संस्थान से इस्तीफा दे रहा हूं। आज से मेरी सेवाएं समाप्त समझी जाएं', बॉस ने बताया।
'सर, शायद आपको गलतफहमी हुई है। मैंने ऐसा कोई ईमेल नहीं किया आपको', मैंने आत्मविश्वास मगर थोड़ा डरते हुए अपनी बात कही।
तो ये क्या है।
बॉस ने अपना कम्प्यूटर दिखाते हुए कहा। ये ईमेल तुम्हारे ही आईडी से तो मिली है मुझे। तो फिर तुम कैसे कह सकते हो कि तुमने ईमेल नहीं किया।
'सर, जरूर किसी ने मजाक किया होगा या फिर मेरा ईमेल आईडी हैक कर ये ईमेल कर दिया हो आपको'। बॉस को मेरी बात पर शायद विश्वास हो गया और उन्होंने मुझे अपना काम करने के लिए भेज दिया।
बॉस के कैबिन से बाहर आते हुए झूठे ईमेल बारे सोच रहा था। आखिर कौन हो सकता है, जिसने यह ईमेल कर दिया।
क्या हुआ रवि, बॉस क्या कह रहे थे। मेरे सहकर्मी ने मुझसे पूछा।
'कुछ नहीं यार। किसी ने मेरे ईमेल आईडी से बॉस को मेरे नाम से इस्तीफा भेज दिया'।
क्या बात कर रहा है, फिर तो बॉस बिगड़ गए होंगे।
'हां, थोड़े से नाराज थे। मगर मेरी सफाई से संतुष्ट हो गए। मैं जरा ईमेल आईडी खोलकर देखता है। शायद वहां से कुछ क्ल्यू मिल जाए'।
मेरा सहकर्मी और दूसरे साथी हंसने लगे और बन गया बकरा चिल्लाने लगे।
तब समझा, इन लोगों ने मिलकर मुझे बकरा बनाया है।
पर ये सब कैसे किया, मैं समझ नहीं सका।
बाद में पता चला कि मेरे साथी ने एक वेबसाइट पर जेड टूल से मेरे ईमेल आईडी से बॉस को मेल कर दिया था। यहां से अगर आपके ईमेल से किसी को ईमेल कर दी जाए तो कोई साबित नहीं कर पाता कि आपने ईमेल नहीं किया।
मैं जरूर थोड़ी देरी के लिए घूम गया, मगर आप जरूर ध्यान रखना। अगर आपके आईडी से कोई किसी को ईमेल कर दे तो घबराएं मत। क्योंकि यह www.zindagi 365. की करामात या यूं कहें कि कारस्तानी हो सकती है। मैं आपको इसका लिंक भी दे रहा है। यहां से आप इस खतरनाक जेड टूल का प्रयोग कर अपने दोस्तों को बकरा बना सकते हैं। मगर ध्यान रखें, ऐसा मजाक मत करना, जो जिंदगी पर भी भारी पड़ जाए।
http://zindagi365.com/
http://zindagi365.com/zmail.aspx
आदरणीय लोग अधिक ख़तरे में हैं -सतीश सक्सेना
-
परिवार में दख़लंदाज़ी , बड़प्पन के कारण हर समय तनाव, नींद की कमी ,
अस्वस्थ भोजन के साथ हाई बीपी , मोटापा, शारीरिक गतिविधियों में कमी के कारण
बढ़ती डायबिट...
5 weeks ago
6 comments:
ये सारे हादसे तुम्हारे साथ ही क्यो होते है
बकरा बनने की बधाई .......!!
पर ये मजाक फस्ट अप्रैल को होता तो ज्यादा सही रहता ......
चलिए ऐसे किस्से ज़िन्दगी को थोडा मनोरंजक बना देते है .......!!
वाह बहुत बढ़िया! सुन्दर प्रस्तुती!
gud 1 :)
http://liberalflorence.blogspot.com/
तो बन गए बकरा :)
बॉस बड़ी जल्दी मान गए..थोड़ा और परेशान करते तब आपको पता चलता :)
सही कहा,मजाक मजाक तक ही सीमित रहें...भारी ना पड़े किसी पर.
मित्रता दिवस की हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनाएँ!
Post a Comment